कुलपहाड़ में स्वास्थ्य सेवाएं कैसे हुई बेहाल, प्रसूताओं को क्यों नहीं मिल रहा लाभ
कुलपहाड़ (महोबा) । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुलपहाड़ में प्रसूता महिलाओं को खाना व नास्ता नहीं दिया जा रहा है,जिससे महिला तीमारदार स्वयं ही बाहर से खाना लाकर खिलाने को मजबूर हैं। वैसे तो इसके लिए जिले स्तर से ठेका दिया गया है,लेकिन यहां पर जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता महिलाओं को हफ्तों खाना नहीं दिया जाता है,जब इसके लिए स्थानीय जिम्मेदार चिकित्सा अधीक्षक डॉ अमरीश राजपूत से शिकायत की जाती है,तो वह ठेकेदार को दोषी करार देकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
ऐसा ही मामला मंगलवार के दिन डिलेवरी कक्ष के पलंग पर लेटी दो प्रसूता महिलाएं ममता पत्नी श्याम सुन्दर व रूबी पत्नी अर्जुन रायकवार निवासी गण कुलपहाड़ के साथ देखने को मिला, जब उन्होंने बताया कि रात्रि में डिलेवरी हुई थी, 8 से 10 घंटे बीत चुके हैं,लेकिन अभी तक न खाना मिला और न ही चाय नास्ता दिया गया,उनका कहना है कि हम लोगों ने स्वयं अपने पैसे से नास्ता मंगाकर खाया है,और खाना घर से आता है। कहने को तो मीनू के आधार पर दूध,ब्रेड,चाय,बिस्कुट,अंडा तथा दिन में दो बार खाना मीनू के हिसाब से बदल बदल कर दिया जाना चाहिए,इसके लिए शासन से अच्छी खासी रकम मुहैया कराई जाती है। जब इस सम्बन्ध में चिकित्सा अधीक्षक डॉ अमरीश राजपूत से बात की तो उनका कहना है कि खाने का ठेका जिला स्तर से हुआ है,खाना देने की जुम्मेदारी ठेकेदार की है,लेकिन ठेकेदार लापरवाही करता है, कभी आता है,कभी नहीं आता है। इस सम्बन्ध में जब सी एम ओ महोबा से बात की गई,तो उनका कहना है कि अगर खाना नहीं मिल रहा है,तो वहां के चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी है,उनको देखना चाहिए,या हमें अवगत कराना चाहिए,लेकिन इस बारे में चिकित्सा अधीक्षक ने हमारे पास कभी शिकायत नहीं भेजी है। उन्होंने कहा कि अब मेरे संज्ञान में आया है,इसकी जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।