गुरू नानकदेव महाराज का 551वां प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया
शबद कीर्तन से किया यशगान, हुये विभिन्न आयोजन
ललितपुर। सिख पंथ के प्रथम गुरु श्रीगुरु नानक देव जी महाराज का 551 वां प्रकाश उत्सव गुरुद्वारा लक्ष्मीपुरा में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। गुरु नानक देव के अवतार धारण के संबंध में गुरुद्वारा ग्रंथि ज्ञानी मोहकम सिंह ने बताया की गुरु नानक देव जी का अवतार माता तृप्ता की पवित्र कोख से मेहता कालू के घर रायभोई की तलवंडी ननकाना साहिब पाकिस्तान में हुआ था। नानकजी का अवतार होने के समय से ही ऐसा लगने लगा था कि आप गुरु पारब्रह्म परमेश्वर के रूप में ही अवतरित हुए हैं क्योंकि उनके बाल लीलाओं से उनकी प्रसिद्धि बढ़ती चली जा रही थी। नानकजी ने 6 वर्ष की अवस्था में उन को पढ़ाने आए गोपाल पांडे को उन्होंने कहा वह लेखा सीखना चाहिए जो परलोक मैं काम आवे तब शिक्षक ने उनसे पूछा ऐसा कौन सा लेखा है। गुरुजी ने कहा जाल महू घर मस्करी मत कागद करी, अर्थात दुनिया का मोहे जाल त्याग कर उसकी स्याही करें और उत्तम बुद्धि को कागज बनाकर उसके ऊपर ईश्वर का उद्देश्य लिखो। 6 वर्ष के बालक के मुख्य से उपदेश सुनकर पांडे ने उनके पिता कालूजी से कहा आपके यहां कोई महापुरुष जन्मा है। कोई इससे ज्यादा विद्वान है उसे पढ़ा सकता है। ग्रंथि मोहकम सिंह ने शब्द कीर्तन कल तारण गुरु नानक आया सत्गुर नानक परगटेया गुरु जी सिख पंथ की पहली गद्दी पर सुशोभित हुए और दसवीं गद्दी पर श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी ने असीन होकर सिख पंथ की स्थापना की और अमृत पान करा कर शिष्यो में सिह की भांति शूरवीरता का संचार उनके रक्त में किया। गुरुजी का प्रमुख उद्देश्य था कि अपनी मेहनत की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करें और जरूरतमंदों दीन दुखियों की सेवा करें सब पर दया और नम्रता धारण करने और एक परमात्मा को मानना। श्रीगुरु सिंह सभा प्रबंधक कमेटी के तत्वाधान में गुरुद्वारा के कार्यक्रम संपन्न हुए। राजू सिंधी परिवार की ओर की ओर से अखंड पाठ की समाप्ति लंगर की सेवा वाह निशान साहब की, चोले की सेवा सरदार हरजीत सिंह के परिवार की ओर से की गई। राजू सिंधी वा बलदेव सिंह सागरी को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। रात्रिकालीन कार्यक्रम में सरदार पर्सन सिंह की ओर से लंगर की सेवा की गई।
इस अवसर पर संरक्षक जितेंद्र सिंह सलूजा, अध्यक्ष ओंकार सिंह सलूजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरविंदर सिंह सलूजा, महामंत्री सुरजीत सिंह सलूजा, मंत्री मनजीत सिंह सलूजा, आनंद सिंह, सरदार वीरेंद्र सिंह, अमरजीत सिंह सलूजा, अवतार सिंह, गुरमुख सिंह, मनजीत सिंह, गुरबचन सिंह सलूजा, सुरजीत सिंह, सतनाम सिंह, दलजीत सिंह, लवशीत सिंह अरोरा, जसपाल सिंह, मनिंदर सिंह, मनमीत सिंह सलूजा, पूनम मलिक, बिंदु कालरा, सतीश अरोरा, मानविंदर कौर, जगजीत सिंह, बॉर्बी, केदार सिंह, पिंटू मैनेजर, हरीश कपूर टीटू, अरविंद निगम, गजेंद्र त्रिपाठी, आकाश सलूजा, विशाल सलूजा आदि उपस्थित थे।