तेन्दूखेड़ा: नियमितिकरण न होने पर होंगा उग्र आंदोलन- अतिथि शिक्षक
प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आज ब्लाक इकाई चावरपाठा तेन्दूखेड़ा के तत्वाधान में अतिथि शिक्षकों ने जेल भरो आंदोलन और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम आर.एस. राजपूत और थाना प्रभारी को सौपा ज्ञापन। मांगे नही मानी जाने पर होगा आगामी उपचुनाव का बहिष्कार, अतिथि शिक्षक 10-12 सालों से अल्प वेतन पर शासकीय विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के शासन काल से ही इनकी नींव शासकीय विद्यालयो में शासकीय शिक्षको के ख़ाली रिक्त पदों पर रखी गई और कई वार राजनितिक मंचों से सरकार के मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें नियमित करने की घोषणा की पर अफ़सोस इनका नियमितिकरण आज तक नही किया गया। 2018 के विधान सभा चुनावों में कमलनाथ ने स्वयं कांग्रेस के वचन पत्र में इन्हें 3 महीने के अंदर कांग्रेस की सरकार बनने पर नियमित करने की बात की थी पर न तो कमलनाथ और न ही उनकी सरकार अतिथि शिक्षकों को नियमित कर पाई। सिर्फ 15 महीने के कमलनाथ के शासनकाल में जुमलेबाजी ही चलती रही। कई बार मुख्यमंत्री से लेकर शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारियो को ज्ञापन पत्र व्यवहार के माध्यम से अवगत कराया गया पर सिर्फ आश्वाशन के नाम पर झूठी दिलासा ही दी गई। इस कोरोना महामारी के समय में अल्प वेतन पर कैसे घर गुजारा चलाते होंगे अतिथि शिक्षक ये समझ के परे है। अतिथि शिक्षकों को नियमित करना तो ठीक, 6-6 महीने तक वेतन भी नसीब नहीं होता। आज पूरे प्रदेश में इस ज्ञापन के माध्यम से सरकार को अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका नियमितीकरण नही किया जाता है तो आगामी 27 विधानसभाओं में उपचुनाव का बहिष्कार किया जायेगा।
✍️राम तिवारी की रिपोर्ट