खुरई में मंडी कर्मचारियों और अधिकारियों की हड़ताल से किसान परेशान है। मंडी कर्मचारी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये जा रहे नए मंडी मॉडल एक्ट का कर रहे है विरोध। खुरई के नई कृषि उपज मंडी के मंडी सचिव सहित दर्जनों अधिकारी एवं कर्मचारी प्रदेश व्यापी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है। ये सभी केंद्र सरकार द्वारा लागू किये जा रहे नए मंडी एक्ट का विरोध कर रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि यह कृषि उपज मंडियों का अप्रत्यक्ष रूप से निजीकरण है। इसके लागू होने से जहां उपज मंडी के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी बाहर होने के कारण बेरोजगार हो जायेगे तो वही किसानों के साथ धोखाधड़ी जैसी घटनाएं बढ़ने लगेगी। मनमाने दामो पर खरीदी होगी और स्थानीय व्यापारियों का रोजगार छीन जाएगा। गरीब मजदूर हम्माल भी बेरोजगार हो जाएगा ।
कर्मचारियों ने इस नए मंडी एक्ट को अप्रत्यक्ष निजिकरण बताया है। इस एक्ट के तहत तीन अध्यादेश जारी किए गए है। इन अध्यादेशों के तहत देश का कोई भी व्यपारी दूर बैठे किसान का अनाज ऑनलाइन खरीद सकता है। मंडी कर्मचारियों की इसमे आवश्यकता नही पड़ेगी न वह व्यापारी मंडी को टैक्स देगा। इन्ही विसंगतियों के कारण नए मंडी एक्ट का विरोध किया जा रहा है। जहां देश के अधिकांश किसान कम पढ़े लिखे एवं तकनीकी ज्ञान नही रखते है, ऐसी स्थिति में वर्तमान में समर्थन मूल्य की खरीदी की प्रक्रिया एवं नई तकनीक से होने वाली खरीदी में भाग लेना कैसे संभव है। कोई भी व्यापारी किसी भी किसान के साथ ठगी कर सकता है। इस कारण से व्यापारी एवं किसान भी इस विरोध का समर्थन कर रहे है।
✍️अमित दुबे की रिपोर्ट