मध्य प्रदेश की राजनीति से शिवराज को खेल ख़त्म !
मध्य प्रदेश की राजनीति से शिवराज को खेल ख़त्म !
सचिन चौधरी #बुंदेली बौछार 7970281421
अपने ओहदे पे इतनों गुरूर न करो गुरु
पद चले जेहे तो कोऊ भटाके भाव न पूछहे
बाबा बुंदेली की जा चिरकुटाई भरी शायरी आजकल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पे बिलकुल सटीक बैठ रही। आप ही बताओ , कल तक जो शिवराज मध्य प्रदेश की जनता से लेके पूरी पार्टी की आंखों के तारे बने हते, वे आज अपनी ही पार्टी में बेगाने हो गए।बेगाने ऐसे के मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लाने भई बैठक उनकी अनुपस्थिति में हो गई और तो और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी ई बैठक से नदारद हो गए। एक तरफ टाइगर जिन्दा है बताके शिवराज अलग अलग मुद्दा पे प्रदेश में घूमके खुद के अस्तित्व खों बनाये रखवे की कोशिश में जुटे दूसरी तरफ पार्टी नेतृत्व ने उन्हें साफ़ इशारा कर दओ के अब केंद्र की ओर निकल लो।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने एक महीना ही बीतो है के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लाने उनको मध्य प्रदेश बेगानों करवे की आखिरी कोशिश भी हो गई। शुक्रवार को भोपाल में भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई। लोकसभा चुनाव के लाने प्रदेश पदाधिकारी और लोकसभा प्रभारियों की बैठक भई। ई में लोकसभा चुनाव के मध्य प्रदेश प्रभारी उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह , और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय पहुंचे। मनों ी महत्वपूर्ण बैठक से नदारद रये पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह।
हालाँकि शिवराज के न आवे को कारणउनको मंदसौर दौरा बताओ गओ लेकिन इतनी महत्वपूर्ण बैठक में , जीमे विधानसभा चुनाव की हार के कारण जान समझ के लोकसभा में बेहतर प्रदर्शन पे विचार होने तो , उते शिवराज की गैर मौजूदगी से साफ़ है के शिवराज के लाने मध्य प्रदेश से खेल ख़त्म
विधानसभा चुनाव में हार के बाद शिवराज को पहलो झटका लगे जब उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाओ, फिर उनके प्रतिद्वंदी माने गए गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष बन गए। ईके बाद शिवराज खों राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना के मध्य प्रदेश की राजनीती से दूर करवे की कोशिश भई। अब प्रदेश की महत्वपूर्ण बैठक में शिवराज की अनुपस्थिति मम्मा युग की समाप्ति को साफ़ संकेत दे रही। आलाकमान को साफ़ सन्देश है के भले टाइगर प्रदेश में जिन्दा रहवे को दावा करे लेकिन टाइगर अब आलाकमान के चाबुक से ही चले