चित्रकूट। धर्मनगरी चित्रकूट में देव दीपावली धूमधाम से मनाई गई। दिन में हजारों श्रद्धालुओं ने मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर भगवान कामदगिरि की परिक्रमा की। मत्यगजेंद्रनाथ स्वामी के दर्शन किए। शाम को घाटों की ओर रुख किया। भव्य गंगा आरती का आनंद लिया। मंदाकिनी नदी स्थित रामघाटों की शोभा देखते बनी। राम, लक्ष्मण, भरतघाट को फूलों और बुरादे की रंगोली से सजाया गया। इसके बाद नगर पालिका द्वारा 11 हजार दीए जलाए गए। इससे पूरे घाटों की जगमगाती रोशनी आकर्षण का केंद्र बनी रही। घाटों के आसपास मंदिर भवनों पर रंग-बिरंगी लाइट लगाई। नावों को भी लाइटों और फूलों से सजाया गया। पूरे चित्रकूट में सुरक्षा के इंतजाम पुख्ते रहे। जगह-जगह बैरीगेट लगाकर श्रद्धालुओं को धक्का मुक्की से बचाया गया। देव एकादशी पर एक लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का प्रशासनिक अनुमान है।
बनारस की तर्ज पर हुईं गंगा आरती: मां गंगा की आरती की भव्यता देखते ही बनी। रामघाट में बनारस की तर्ज पर मां गंगा की भव्य आरती की गई। बनारस के पांच प्रशिक्षु ब्राह्मणों ने गंगा आरती कराई। जिसमें राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, नगरपालिका परिषद कर्वी चेयरमैन नरेंद्र गुप्ता, भाजपा नेता दिनेश तिवारी, पंकज अग्रवाल, अतुल प्रताप सिंह, एसडीएम सदर पूजा यादव, कामदगिरि प्रमुख द्वार के मदन दास महाराज, दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्य जीवन दास महाराज ने गंगा आरती की। इस दौरान मध्य प्रदेश के नगर पंचायत द्वारा राम घाट पर दीपदान हेतु भारी व्यवस्था की गई थी चित्रकूट विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने भी मंदाकिनी में दीपदान किया। राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि सरकार द्वारा चित्रकूट के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं परिक्रमा मार्ग के सौंदर्यीकरण हेतु टीन शेड साफ सफाई का आधुनिकीकरण के साथ विस्तार हुआ है। रामघाट लेजर शो के माध्यम से रामायण कालीन दृश्यों को दिखाया जा रहा है। पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार ने इंतजाम किए हैं। नगर पालिका परिषद चित्रकूट धाम कर्वी चेयरमैन नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि धर्म नगरी में दीपोत्सव का अपना अलग ही महत्व है लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर वर्ष चित्रकूट दीपदान करने के लिए पहुंचते हैं इस वर्ष नगर पालिका द्वारा 11,000 दीपों का दीपदान किया गया है। विशेष तौर पर प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी योजना एम एस एम ई के तहत लोकल फार वोकल को ध्यान में रखते हुए यहां के उद्यमियों को प्रोत्साहित किया गया जिसमें फूलों और आटे सहित मिट्टी के दीपक जलाने पर जोर दिया गया है ।