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मोहन्द्रा: सचिव के अभाव में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने घूम रहे परिजन

22 जुलाई को पंचायत सचिवों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की थी. हड़ताल समाप्त हो गई, और कुछ जगह के पंचायत सचिव निलंबित कर दिए गए. निलंबन की सूची में ग्राम पंचायत मोहन्द्रा के भी सचिव का नाम जुड़ गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि मोहन्द्रा पंचायत डेढ़ महीने से सचिव विहीन है. अब गांव के लोग सचिव के माध्यम से होने वाले कामों के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में हो रही है. अपने परिवार के सदस्य की मृत्यु से गमजदा परिजन अपनी व्यथा यहां-वहां सुनाते हुए रो पड़ते हैं. पर बेरहम हो चुके अधिकारियों के दिल इनके आंसू देख कर भी नहीं पसीज रहे .कस्बे के सुनकर मोहल्ला में रहने वाली ममता बाई सुनकर के पति परम लाल की मृत्यु करीब एक माह पूर्व हुई थी. पंचायत में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तत्काल आवेदन भी दिया था पर सचिव के ना रहने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र अब तक प्राप्त नहीं हो सका है. महिला ने रोते हुए बताया कि पंचायत के पच्चीसों बार चक्कर काटने के बाद भी उसे अपने पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र नसीब नहीं हो सका है. दिवंगत पति परमलाल सुनकर का एलआईसी में बीमा है और एलआईसी से जुड़े अधिकारी कर्मचारी लगातार मृत्यु प्रमाण पत्र मांग रहे हैं ताकि क्लेम की राशि मिल सके. वहीं सर्प के काटने से असमय काल कवरित हुई माही चौधरी का मृत्यु प्रमाण पत्र भी सचिव के दस्तखत के अभाव में अटका है. जबकि उसे शासकीय सहायता के रूप में चार लाख रुपए दिए जाने का नियम है. इसके अलावा निराश्रित बच्चों दीपक और पूजा तिवारी के पिता की मृत्यु एक अरसा पहले हो गई थी. जबकि उनकी मां उन्हें छोड़कर अन्यत्र चली गई. अपने दादा दादी के आसरे जीवन यापन कर रहे इन निराश्रित बच्चों ने अपने पिता की मृत्यु का प्रमाण पत्र बनवाने पंचायत में आवेदन किया है मामला सचिव के अभाव में अटका है. सचिव के अभाव में जानकी गुप्ता के परिजन भी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने हर दूसरे चौथे रोज पंचायत में एड़ियां रगड़ र हे है. सचिव की अनुपस्थिति में परेशान ग्रामीण जब जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को फोन लगाते हैं तो वह फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझते.

✍️आकाश बहरे
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