मऊरानीपुर । कलयुग में मानसिक पूजा का विशेष महत्व है समय के आभाव में की गई मानसिक पूजा से भी भगवान की प्राप्ति संभव हो सकती है।
यह बात ग्राम घाटकोटरा में चल रहे साप्ताहिक ज्ञानयज्ञ की कथा के दौरान पंडित दिव्यांग भूषण बादल ने कही। उन्होंने आगे कथा के महात्म्य का वर्णन व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का विशेष पुण्य श्रवण करने से सैकड़ो तीर्थों के फल से बराबर है। पुराण वक्ता ने प्रेम और स्वार्थ के अंतर को बताते हुए प्रेम हमेशा देना जानता है। जबकि स्वार्थ लेने में ही है। और लालच इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है एवं लालच ही इंसान को न चाहते हुए पाप का भागीदार बना देता है। यजमान डॉ मीरा विष्णु राय ने भागवत पुराण की आरती उतारी। कथा में अंकित राय, रोहित राय, राजेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह गौर, नारायण सिंह , बहादुर भदोरिया, चतुर्भुज कुशवाहा, हरि, गोपाल, पंचम सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, स्वामी सिंह चौहान, सुल्तान सिंह, दुर्गा, पुष्पेंद्र सिंह, जगदीश सिंह, हमीर सिंह, सुल्तान सिंह, रामनाथ, भागीरथ भास्कर, मुन्ना सेन, वीर सिंह परिहार ,उत्तम सिंह भदोरिया, जनक सिंह, अजय सिंह, मुन्नू , रामचरण कुशवाहा, कमल रैकवार, दयाल सिंह, हरी बाबू राय, संतोष राय, दिनेश अहिरवार, अखिलेश राय आदि मौजूद रहे।