दिनारा-: कथावाचक आचार्य अरविंद किशोर शरण जी ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि कलयुग में सच्चे मन से भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। साथ ही सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति तो मिलती है वहीं जीवन का भी उद्धार होता है। दिनारा गिर्राज धरण मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति सत्संग एवं ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवें दिन रविवार को हे गोपाल, राधे कृष्ण, गोविंद गोविंद..वंदना के साथ भागवत कथा की शुरुआत हुई। एवं कथा सुनने ने केवल मनुष्यों के पाप धुल जाते हैं बल्कि पापियों के साथ ही भूत प्रेतों को भी तारती है। भागवत कथा तन-मन को पवित्र करती है। वर्तमान समय में भागवत एवं सत्संग का हमारे जीवन में महत्व है। जितने वेद-वेदांत, पुराण हैं सभी का निचोड़ भागवत कथा में है। इसी प्रकार धुंधली द्वारा संतों का दिया हुआ फल नहीं खाने का परिणाम भी उसे भोगना पड़ा। बुरे कर्माें ने धुंधकारी को भूत बना दिया। महज सात दिन के भागवत कथा से धुंधकारी देव रूप में आया और उसका उद्धार हो गया। भागवत कथा का यही महत्व है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन के लिए प्रेरित कर उन्हें संस्कारवान बनाएं। आज के दौर में टीवी, सोशल मीडिया और कई एप हावी हैं, ऐसे में नई पीढ़ी को संस्कारित बनाने के लिए हमें खास तौर से प्रयास करने होंगे, तभी हम संस्कारों को सुरक्षित रख पाएंगे।
गिर्राज जी मंदिर के चरण सेवक व श्रीमद्भागवत यजमान गोपाल सुमन रूसिया ने रविवार को गोवर्धन गिरधारी को 56 प्रकार के व्यंजन का भोग लगवाया पुजारी रामदास जी महाराज ने विशेष आरती की।
आरंभसंगीतमय भजन गाकर भक्तों को आनंद विभोर कर दिया। दोपहर में छप्पन प्रकार का भोग लगाकर राधा-कृष्ण, गौरांग महाप्रभु एवं अन्य देवों की पूजा की।