अजयगढ़ विकासखंड के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसव एवं टीकाकरण के कार्य हेतु आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति अजयगढ़ स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की जा रही है जिसमें योग्यता एवं मेरिट के आधार पर आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी आशा कार्यकर्ता की भर्ती के लिए ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव के माध्यम से महिलाओं द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए थे आशा भर्ती को लेकर अजयगढ़ स्वास्थ्य महकमे के ऊपर धांधली के आरोप लगना शुरू हो गए हैं !”
अजयगढ़ स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ता की नियुक्ति के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत ली जाती है लेकिन सिस्टम में बैठे जिम्मेदार भ्रष्ट अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद इन पर मेहरबान है मेरिट लिस्ट योग्य गरीब महिलाओं द्वारा रिश्वत नहीं दी गई तो उनसे कम योग्य महिलाओं की नियुक्ति की गई कुछ ऐसी महिलाएं है जो वर्षों से आशा कार्यकर्ता में नौकरी करती चली आ रही हैं और उन आशाओं द्वारा कॉरोना महामारी के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर दिन-रात सेवाएं जनता तक मुहैया कराई हैं और उन्हें बिना किसी सूचना एवं नोटिस के आशा के पद से पृथक कर दिया गया है
आशा कार्यकर्ता की भर्ती में हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब ग्राम जैतूपुर सुखी की महिला श्रीमती रामकली पाल और ग्राम तरौनी की महिला श्रीमती राधा कोंदर दोनों महिलाओं का नाम मेरिट लिस्ट में होने के बावजूद इनकी नियुक्ति नहीं की गई और इन दोनों महिलाओं से कम योग्य महिलाओं से पैसे का मोलभाव कर नियुक्ति कर दी गई दोनों महिलाओं का आरोप है कि अजयगढ़ स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ प्रभारी बीसीएम धर्मेंद्र तिवारी द्वारा पैसा लेकर कम योग्य महिलाओं की नियुक्ति की है जो पूरे तरीके से नियम के विरुद्ध और गलत है महिलाओं द्वारा इस मामले की शिकायत पन्ना कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी से की है लेकिन कार्यवाही की जगह महज झूठा आश्वासन ही मिल पाया ना ही किसी प्रकार से मामले की जांच की गई ना ही कार्यवाही आज महिलाएं जो आशा कार्यकर्ता बनने का सपना देख रही थी लेकिन सिस्टम में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों ने उनके सपने को चकनाचूर कर दिया आज वह महिलाएं तहसील कार्यालय से लेकर जिले के शासकीय कार्यालयों के चक्कर काट रही हैं महिलाओं की मांग है कि निष्पक्ष तरीके से जांच हो और दोषी पाए जाने पर कार्यवाही हो एवं तत्कालीन आशा नियुक्ति आदेश को निरस्त किया जाए।