अमानजंग: अवैध ईंट भट्टो का जहरीला धुंआ बना परेशानी का सबब
!!इस भीषण करोना बीमारी के समय प्रदूषण की मार!!
!!धुआ नगर की वायु को कर रहा प्रदूषित नगर के लोगों को सांस लेने में हो रही घुटन!!
अवैध रूप से नगर में संचालित हो रहे हैं ईंट-भट्टे.
!!! समय रहते नहीं दिया ध्यान तो सटे इलाकों में लगी फसलें पराली में आग लग जाने जंगलों का हो सकता है भारी नुस्कान !!
!!फैल रहा नगर में प्रदूषण, पर्यावरण विभाग की मंजूरी होना आवश्यक – मिट्टी उत्खनन के लिए खनिज विभाग और राजस्व विभाग नहीं दे रहा ध्यान अमानगंज क्षेत्र!!
अमानगंज: वैसे भी देश इस विकराल परिस्थिति से गुजर रहा है, पूरा देश परेशान है, वही अमानगंज क्षेत्र में जगह-जगह ईट भट्टों की भरमार से लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है, वैसे तो पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तरह-तरह की मुहिम चलाई जा रही है वहीं प्रदूषण बोर्ड को सख्त आदेश दिए हैं कि वायु प्रदूषण फैलाने वाली कारखानों नगर छेत्र के आसपास ईट भट्टा पर कार्यवाही की जाए लेकिन शासन प्रशासन को ध्यानाकर्षण करवाने के बावजूद भी प्रदूषण को रोकने के लिए अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे ईट भट्टों से निकलने वाला धुआं शुद्ध वायु को प्रदूषण कर रहा है वही सुबह घूमने वाले लोगों के लिए एवं निकलने वाले आम नागरिकों के लिए काल बना हुआ है.नगर की सीमा के अंदर ही ईट भट्टा होने से लोगों को सांस की बीमारी हो रही है. विगत कुछ दिनों पहले खबर के माध्यम से प्रशासन को अवगत कराया था लेकिन उनके कानों में जुई तक नहीं रेंगी और अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई. आखिर इसके पीछे क्या कारण है क्यो प्रशासन चुप है क्यों अपनी जिम्मेदारी से दूर भाग रहे नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में नियम ताक पर रख एक सैकड़ा से अधिक ईंट-भट्टे बेखौफ संचालित किए जा रहे हैं जिससे एक ओर अवैध उत्खनन को बढ़ावा मिल रहा है वहीं लगातार फैल रहे प्रदूषण से आसपास के ग्रामीण नगर के लोग खासे परेशान हैं.
इनको भी प्रदूषण, पर्यावरण विभाग की मंजूरी होना आवश्यक लेकिन बेखौफ जंगलराज जिम्मेदारों की मनमानी के चलते यहां कोई नियम कानून नहीं,
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मिट्टी उत्खनन के लिए खनिज विभाग और राजस्व विभाग नहीं दे रहा ध्यान
अमानगंज क्षेत्र में नियम ताक पर रख एक सैकड़ा से अधिक ईंट-भट्टे बेखौफ संचालित किए जा रहे हैं जिससे एक ओर जहां अवैध उत्खनन को बढ़ावा मिल रहा है वहीं लगातार फैल रहे प्रदूषण से आसपास के लोगों को रह पाना मुश्किल हो रहा है। विभागीय अधिकारी न तो जिम्मेदारी लेने तैयार है और न ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की जहमत उठाने की, जबकि भारतीय वन अधिनियम के तहत यह गंभीर अपराध है वहीं भू-राजस्व संहिता का भी उल्लंघन है।
*!!अवैध खुदाई से हो गईं गहरी खाइयां!!* *कोई देखने वाला नहीं अंधेर नगरी चौपट राजा!!*
ग्रामीण क्षेत्र में वन भूमि, शमशान भूमि एवं राजस्व भूमि सहित नदी-नालों किनारे स्थित मिट्टी की खदानों में मशीनों से इस कदर खुदाई कर दी गई है कि जगह-जगह गहरी खाईयां साफ दिखाई दे रही हैं। अमानगंज क्षेत्र की मिढ़ासन नदी के आसपास व 7 नदियों का संगम पंडवन नदी किनारे मशीनें लगाकर बेखौफ जिम्मेदारों के संरक्षण में खुदाई करने से नदी के तटों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है। मिढ़ासन नदी घाट के आसपास जगह-जगह गहरी खाई हो गई, जो आने वाले समय में सटे ग्रामीण क्षेत्रों एवं नगर के लिए खतरे की घंटी है!!!