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दबोह: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आंगनवाड़ी पौष्टिक आहार, महीने में एक बार ही हो पाता है वितरण

दबोह: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा आंगनवाड़ी पौष्टिक आहार, महीने में एक बार ही हो पाता है वितरण होता

नगर में संचालित 17 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोष्टिक आहार के नाम पर सिर्फ भुना हुआ आटा और खिचड़ी दी जा रही हैं। दबोह की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को नगर की एक स्वायत्ता समूह पोष्टिक आहार आवंटित करती हैं। शासन के निर्देशानुसार स्वायत्ता समूह को हर हफ्ते पोष्टिक आहार केंद्रों पर पहुचाना चाहिए पर दबोह की आंगनबाड़ी केंद्रों पर हफ्ते की जगह महीने में सिर्फ एकवार ही भुना हुआ आटा या खिचड़ी पहुचाई जाती हैं। बकाया दिनों का पोष्टिक आहार स्वायत्ता समूह के संचालक की जेब में पहुंच रहा हैं। इतना ही नही स्वायत्ता समूह के द्धारा हर आंगनबाड़ी को कभी 15 किलो तो कभी 20-25 किलो भुना हुआ आटा मात्र दिया जाता हैं तो कभी इतनी ही मात्रा में खिचड़ी दी जाती हैं। स्वायत्ता समूह के नाम पर सरकार को हर महीने हजारो रुपयों का चूना लगाया जा रहा है, मजे की बात तो यह है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की हर महीने मीटिंग सुपरवाइजर के द्धारा ली जाती है पर स्वायत्ता समूह की इस कार गुजारी पर किसी का ध्यान न जाना कही न कही अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता हैं।

स्वायत्ता समूह के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को कब कितना भुना हुआ आटा और खिचड़ी दी, इस पर एक नजर
भुना हुआ आटा:
21/04/2020 को 15 किलो
24/04/20 को 20 किलो
02/05/20 को 45 किलो
18/06/20 को 30 किलो
11/07/ 20 को 30 किलो
26/08/20 को 30 किलो
खिचड़ी:
22/09/20 को 20 किलो
अब आप अंदाजा लगा सकते है कि स्वायत्ता समूह द्वारा कितना भ्रष्टाचार किया जा रहा है
क्या बोले अधिकारी– स्वायत्ता समूह के द्वारा हर हफ्ते पोष्टिक आहार का वितरण किया जाता हैं। महीने में चार बार या दो दो हफ्ते का एक साथ वितरण कर सकते है। मामले में जांच करवाई जाएगी- परियोजना अधिकारी लहार

✍️राजा सर्राफ- लहार

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