मां को गर्मी में कराहते देखा तो, छात्र ने तेल के खाली टीन से बनाया कूलर
कहते हैं सच्ची लगन और मेहनत यदि किसी व्यक्ति के पास होती है तो वह कठिन से कठिन मंजिल को आसानी से पा जाता है। बचपन से ही विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले एक छात्र ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। जिसने कबाड़ से जुगाड़ बना कर गर्मी से राहत पाने अपनी मां को कूलर गिफ्ट किया है।
दमोह. कहते हैं सच्ची लगन और मेहनत यदि किसी व्यक्ति के पास होती है तो वह कठिन से कठिन मंजिल को आसानी से पा जाता है। बचपन से ही विज्ञान के प्रति रुचि रखने वाले एक छात्र ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। जिसने कबाड़ से जुगाड़ बना कर गर्मी से राहत पाने अपनी मां को कूलर गिफ्ट किया है।
मां को गर्मी में कराहते देखा तो बना डाला कूलर
दरअसल गरीब परिवार का छात्र अपनी मां को गर्मी में कराहते देखता था, तो उससे रहा नहीं गया। वैसे भी उसकी आर्थिक स्थिति इतनी नहीं थी कि वह मां के लिए कूलर खरीद सके। अर्थात उसने तंगहाली में कबाड़ से जुगाड़ लगाई और अपनी मां के लिए कूलर बना डाला। अब उसकी माँ जुगाड़ से बने कूलर से ठंडक पाकर काफी राहत महसूस कर रही है। जन्म देने वाली मां को खुश देखकर बेटा भी बहुत खुश है।
देश में हुनरबाजों की कमी नहीं
देश में हुनरबाजों की कमी नहीं है। पथरिया में भी एक ऐसे ही हुनरबाज छात्र ने गर्मी से राहत पाने के लिए तेल के टीन (डब्बा) से एक जुगाड़ू कूलर बनाया है। पथरिया में रहने वाला कक्षा दसवीं का छात्र गोलू राठौर आर्थिक रूप से कमजोर है। पिता चाय की दुकान चलाकर पूरा परिवार पालते हैं। एक दिन छात्र को बहुत गर्मी लगी, लेकिन पिता के पास इतने पैसे नहीं कि वो कूलर खरीद सकें।
ढाई से ₹300 की लागत में बना कूलर
गर्मी से परेशान छात्र गोलू ने अपने बड़े भाई तुलसी से कहा की गर्मी से बचने का कोई उपाय तो करना चाहिए। इसके बाद उनके मन में यह ख्याल आया के खाने के तेल के खाली टीन से कूलर बनाया जा सकता है, जिससे कुछ तो राहत मिलेगी। गोलू ने बताया कि इस सोच के साथ मैंने अपने बड़े भाई की मदद ली। कबाड़ से सामान एकत्रित किया और महज ढाई से ₹300 की लागत से एक कूलर तैयार कर लिया, जिससे इस गर्मी में हमें काफी राहत मिल रही है। वर्तमान में छात्र कक्षा दसवीं में पढ़ता है और आईटीआई में भी रुचि रखता है।