बुंदेलखंड को खुरई बने दो महान संतों के महामिलन को गवाह
- बुंदेलखंड को खुरई बने दो महान संतों के महामिलन को गवाह
आचार्य विद्या सागर जी और आर्यिका ज्ञानमती माता जी मध्य प्रदेश के सागर जिले के खुरई में एक साथ… भक्तों के लिए एक साथ दोनों महान संतों का दर्शन ऐतिहासिक अवसर हो गया
कल दो महा संघो का महा मिलन खुरई में हुआ जिसे सम्पूर्ण जैन समाज ने देख कर अपने आप को धन्य किया।*
*दोनो ही संत सूर्य और चंद्रमा की तरह अपने ज्ञान का , साधना के प्रकाश से हम सभी को लाभान्वित कर रहे है।*
*माताजी में कल मिलन के पश्चात जब सम्पूर्ण जैन समाज एक संदेश की कामना कर रहा था तो माताजी ने बड़े ही सरल शब्दों में कहाँ*
👉🏻मतभेद ओर संतभेद की जरूरत नही जरूरत संगठन की है विघटन की नही।
👉🏻साधुओ का संगठित होने जरूरी है। साथ ही पंथों और संतों में भेद रहित वात्सल्य मिलन, वन्दन होता रहे।
👉🏻 मतभेदों पर चर्चा के माध्यम से हल निकालने की जरूरत है।
👉🏻पिच्छी धारी का अपमान नही करे।
👉🏻मतभेद पूजन पद्धति में है अन्य में नही।
*आचार्य श्री ने भी अपनी चिरपरिचित मुस्कान से सबक मन मोहते हुए अपना सारगर्भित प्रवचन/संदेश देते हुए भाई बहन के रिश्ते का बहुत ही अच्छा उदाहरण दिया और कई दोहो के माध्यम से समाज को संदेश दिया किन्तु मुझ जैसे कई अल्पज्ञ जिनका ज्ञान बहुत ही कम है उस सारगर्भित भाषा को समझ नही पाए हम सभी अल्पज्ञ वीर प्रभु से कामना करते है कि आज आचार्य भगवन कुछ ऐसा संदेश दे कि हम सभी अल्पग्यो को भी सरलता से समझ आ सके, संदेश स्पस्ट हो कोई भी उसे तोड़ मरोड़ कर पेश नही कर सके और विघटनकारी तत्वो पर लगाम लग सके।*
*समाज को एक नई दिशा और दशा प्राप्त होने का यह सुनहरा अवसर है ओर हम प्रभु से प्रार्थना करते है कि कोई स्पस्ट दशा और दिशा हम सभी अल्पग्यो को प्राप्त हो*