बरुआसागर(झाँसी)मंगलवार को ओद्योनिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण संस्थान में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना पान विकास के अंतर्गत आयोजित दो दिवसीय कृषक गोष्ठी का शुभारंभ जिलाधिकारी आंद्रा वामसी द्वारा किया गया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भले ही झाँसी की सिथतियां विषम हो लेकिन यंहा के कृषको ने अपने अथक प्रयास से स्ट्राबेरी की खेती भी प्रारम्भ की है जो कि कृषको की जीवटता को दर्शाता है।उन्होंने पान की खेती के विकास के लिये कहा कि पान की खेती के लिये कृषको को हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी।बरुआसागर क्षेत्र में अदरक की उपलब्धता और खेती को देखते हुये इसे जी आई टेग दिलाने का प्रयास किया जायेगा।अदरक के साथ हल्दी की भी खेती होती है मंडी में इसके छटाइकरण,श्रेणीकरण,के साथ साथ पेकिंग,भंडारण एवं प्रसंस्करण उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को भी सहायता प्रदान की जायेगी।इस मौके पर डॉ वी पी सिंह सिट्रस विशेषज्ञ, फ्रूट पैथोलोजिस्ट डॉ आई ए सिद्दकी,डॉ रंजीत पाल, एवं डॉ अमित सिंह रानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय ,पी के गुपता द्वारा सघन बागवानी मिश्रित खेती, ड्रिप सिंचाई,एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन,पान अदरक, हल्दी,अमरुद,आंवला आदि की खेती पर किसानों को विभिन्न जानकारियां प्रदान की गई।इस मौके पर कटरा सहकारी समिति के सभापति मृदुल तिवारी, विजय दुबे, अमर सिंह कुशवाहा, राजीव साहू,अमर सिंह कुशवाहा, महादेव बाजपेयी, मुकेश नायक उद्यान निरीक्षक के के सिंह, डॉ मनोज कुशवाहा,मौजूद रहे। आभार डॉ वी पी सिंह सिट्रस विशेषज्ञ ने व्यक्त किया।