ललितपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र में ग्रामीण युवतियों हेतु 2-6 फरवरी तक विषय फल संरक्षण पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभारी डा.सरिता देवी ने बुन्देलखंड में महिलाओं की आर्थिक निर्भरता तथा उन्हें आत्मनिर्भर होने तथा स्वयं का कोई कार्य जो वो घरेलू स्तर पर रहकर पर स्थानीय उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग कर उनका मूल्य सवद्र्व कर उन्हें जीविकोपार्जन के लिए व्यवसाय के रूप में अपना सके। फल संरक्षण पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया। जिसमें ऑवले का मुरब्बा, ऑवलों का जैम, ऑवले की कैंण्डी, ऑवले का स्कैवश, ऑवले का लड्डू, ऑवले का मुखवाश, ऑवले का हेयर पैक आदि उत्पाद बनाने के बारे में बताया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को इस प्रकार प्रशिक्षित किया जाये जिससे भविष्य में उन्हें रोजगार से संबंधित समस्याओं का सामना न करना पड़े और वो घरेलू स्तर पर या समूह के माध्यम से अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकें एवं अपने समाज के लोगों को भविष्य में प्रेरित कर सकें जिससे वे स्वयं अपने पैरों पे खड़े हो सके तथा आय अर्जन कर सकें। इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक डा.दिनेश तिवारी, डा.एन.के. पाण्डेय, डा.एन.के.यादव, डा.मारूफ अहमद एवं डा.अर्चना दीक्षित ने भी अपने विचार व्यक्त किये। प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रामीण युवा नीतेश कुमारी, आरती राजपूत, अंकिता राजपूत, रूबी, मेवा, अनीता, रानी पाल, जयकुंअर आदि ने प्रशिक्षण प्राप्त किया सभी प्रशिक्षाणर्थियों को 5 दिवसीय फल संरक्षण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राधा मौर्या, गिरजेश सिंह, अनीता सिंह, राघवेन्द सिंह, कवीन्द्र, रज्जन, बेंचूलाल, महेश, सुनील, अवधेष का विशेष सहयोग रहा।