मध्यप्रदेश

विधानसभा में जोरदार हंगामे के बीच 11 विधेयक पारित, समय से पहले ही स्थिगित हो गई, विधानसभा की कार्यवाही

भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंमामे के साथ शुरू हुआ। इससे पहले ही विधानसभा के बाहर तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन किया। किसानों की लहसून के दाम नहीं मिलने, पोषण आहार घोटाले के बाद आदिवासी विधायकों के साथ अभद्रता के आरोप को लेकर धरने पर बैठ गए। सदन के भीतर भी जमकर हंगामा हुआ, जहां आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा ने अपनी जान का खतरा बताया। वे मीडिया के सामने फूट-फूटकर भी रोए। इधर, भारी हंगामे के बीच 11 विधायक पारित कर दिए गए और विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए खत्म कर दी गई। उल्लेखनीय है कि विधानसभा का मानसून सत्र 13 सितंबर से शुरू हुआ था। जो 17 सितंबर तक चलने वाली थी।

विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पारित कर दिया वहीं 11 विधेयक भी पारित हो गए। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए टाल दी गई
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन हंगामे के बीच अनुपूरक बजट पारित कर दिया वहीं 11 विधेयक भी पारित हो गए। इसके बाद सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

जब मैंने अध्यक्ष को बताया कि मेरे साथ ऐसी घटना हुई तो विधायक उमाकांत शर्मा ने मेरे साथ धक्का-मुक्की की। मेरा गला दबाकर मारने की कोशिश की। मैंने कहा कि मैं अपने क्षेत्र में पुनर्वास की बात को क्यों नहीं उठाऊं। मेरे क्षेत्र में सरकार ने पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की। किसान जंगलों में रहने को मजबूर हैं। 500 परिवार कहां जाएंगे। मुख्यमंत्री आज तक वहां नहीं गए। मैंने आवाज उठाई तो मुझ पर हमला किया। मुझे अध्यक्ष और गृहमंत्री को बताने का अधिकार है। मुझ पर जानलेवा हमला हुआ है। मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए। जो दी है वे भी ले ली जाए। मैं किसानों के लिए मरने को भी तैयार हूं।

विधानसभा में आज विपक्ष के नेताओं ने गृहमंत्री से मांगा इस्तीफा

कांग्रेस ने सदन की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग भी की है। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेढ़ा को जान का खतरा है। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

मीडिया के सामने फूटफूटकर रोने लगे कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा

विधायक पाचीलाल मेड़ा ने भाजपा के विधायक उमाकांत शर्मा से जान का खतरा बताया है। उन्होंने कहा है कि मुझे जेड प्लस सुरक्षा दी जाना चाहिए। इस दौरान पाचीलाल मेड़ा रोने लगे, उनकी आंखों से आंसू आ गए।

कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा अपनी जान को खतरा बताते हुए रो पड़े, तब जीतू पटवारी ने उनके आंसू पोछे।
मीडिया के सामने फूटफूटकर रोने लगे कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा

11.25 AM सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई

11.15 AM सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पोषण आहार विधायक के साथ मारपीट सहित अन्य मामलों पर विधायकों में तीखी बहस शुरू। बहस ज्यादा होने के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

11.10 AM स्पीकर ने कहा कि मैंने भी आप लोगों को भरोसा दिलाया था कि चर्चा करेंगे, मैंने नाम भी पुकारा लेकिन चर्चा के लिए कोई आगे नहीं आया। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आज चर्चा नहीं हो सकती। इसको लेकर सत्ता और विपक्ष दल के सदस्यों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। हंगामा बढ़ते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

11.05 AM सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने पोषण आहार पर दिए गए इस तरह प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने की मांग दोहराई। उनका कहना था कि हमारे दल के और से स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने का ज्ञापन पूर्व में ही दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पर चर्चा कराए जाने चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आप लोगों को चर्चा का मौका दिया गया। सदन के नेता मुख्यमंत्री बोल रहे थे, लेकिन आपने उनकी चर्चा नहीं सुनी।

विधायक के साथ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने की नारेबाजी।

11.00 AM विधानसभा सदन की कारवाई शुरू हुई

10.45 AM कांग्रेस विधायकों को समझाते रहे अधिकारी..।

10.30 AM विधानसभा के तीसरे दिन भी कांग्रेस विधायकों का हंगामा। आदिवासी विधायक के साथ अभद्रता के मामले में कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे।

10.30 AM विधानसभा के बाहर एकत्र हुए कांग्रेस विधायक।

10.25 AM राज्य सरकार के मंत्री और विधायकों के विधानसभा पहुंचे का सिलसिला शुरू हुआ।

ऐसा रहा विधानसभा की कार्यवाही का दूसरा दिन

इससे पहले विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। एक मौका ऐसा आया, जब सत्ता और विपक्षी दल के सदस्य आमने-सामने हो गए। तीखी बहस हुई तो सदन में मौजूद अन्य सदस्यों ने बीच-बचाव कर शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन वे शांत नहीं हुए। मौके की स्थिति को देखते हुए स्पीकर को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान सत्ता पक्ष के एक विधायक पर यह आरोप लगे कि उन्होंने कांग्रेस विधायक की गर्दन पकड़ी और हाथ मरोड़ा।

प्रश्नकाल के समय मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने सदन में प्रवेश करते ही कहा कि पुलिस प्रशासन की गुंडागर्दी नहीं चलेगी। कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेड़ा, मनोज चावला सहित अन्य विधायकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें विधानसभा में आने से रोका। मेड़ा ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनका हाथ मरोड़ा, जमीन पर पटका। उनका पजामा तक फाड़ दिया। फटा पजामा दिखते हुए वे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के पास जा पहुंचे। इस पर भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा। इस पर दोनों में तीखी बहस हो गई। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा हंगामा होने से प्रश्नकाल की भेंट चढ़ गई।

तख्तियां लेकर आ रहे थे कांग्रेस विधायक रोका गया

कांग्रेस विधायकों के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधायक तख्तियां लेकर आ रहे थे। तख्तियों को रोका गया। इस पर जीतू पटवारी ने कहा, तो क्या हाथ तोड़ देंगे।

शिवराज सदन में बोले अपराधी कोई भी हो कड़ी कार्रवाई की जाएगी

सदन में हंगामे के बीच शिवराज ने अपने वक्तव्य में कहा कि पोषण आहार पर कैग की जो ड्राफ्ट रिपोर्ट है। वह अंतरिम रिपोर्ट है, अंतिम रिपोर्ट नहीं। इस पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। जो बिंदु आए हैं, उसमें कांग्रेस सरकार के कायर्काल के भी पंद्रह महीने शामिल हैं। फिर भी पूरे तथ्यों की जांच होगी। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अगर कोई गड़बड़ी मिली तो कैग की रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना कठोर कार्रवाई की जाएगी। हम लोक लेखा समिति की कार्रवाई की प्रतीक्षा नहीं करेंगे। मैं आश्वस्त करना चाहूंगा कि दोषियों पर कार्रवाई होगी, भले ही गड़बड़ी करने वाला कोई भी हो।

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