इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल यानि आज से खाद्य तेल (पाम ऑयल) का एक्सपोर्ट बंद कर दिया है. कई शहरों में ग्राहकों को सब्सिडी पर आवश्यक वस्तु खरीदने के लिए डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर के सामने घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. इंडोनेशिया सरकार ने घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों पर काबू करने के लिए यह जरूरी फैसला लिया है.
28 अप्रैल से पाम ऑयल का एक्सपोर्ट बंद
इंडोनेशिया ने आज से यानी 28 अप्रैल से पाम ऑयल का एक्सपोर्ट पूरी तरह रोक दिया है. इंडोनेशिया सरकार ने घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों को काबू करने के लिए यह फैसला किया है. इंडोनेशिया के इस फैसले का बड़ा असर हिंदुस्तान भी देखने को मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है. और अपनी जरूरत का 50-60 फीसदी खाद्य तेल दूसरे देशों से आयत करता है. इसमें सबसे अहम बात यह है कि हम जरूरत का 50 फीसदी से ज्यादा पाम तेल इंडोनेशिया से खरीदते हैं.
पाम ऑयल के मामले में भारत को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है. चूंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते सूरजमुखी और सोयाबीन के तेल की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है. रूस और यूक्रेन दुनिया के सबसे बड़े सूरजमुखी और सोयाबीन तेल उत्पादक देश हैं. युद्ध के चलते सप्लाई पर भारी असर पड़ा है. वहीं इंडोनेशिया से पाम ऑयल के एक्सपोर्ट बैन (Palm Oil Export Ban) होने का सीधा असर भारत को होने वाली सप्लाई पर भी पड़ेगा. ऐसे में घरेलू बाजारों में कीमतों पर भारी उछाल देखने को मिल सकती है. इससे पहले जनवरी में इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाया था. हालांकि प्रतिबंध को मार्च में ही हटा लिया गया था.
वहीं राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि देश के 270 मिलियन लोगों को आपूर्ति करना उनकी सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है. आगे कहा दुनिया के सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक के रूप में यह विडंबना है. कि हमें खाना पकाने का तेल प्राप्त करने में मुश्किलें हो रही हैं. इंडोनेशिया पाम तेल पूरी दुनिया का लगभग 60 फीसदी उत्पादन करता है. जिसका एक तिहाई घरेलू बाजार में खपत होता है. इंडोनेशिया से तेल का ज्यादातर निर्यात भारत, चीन, यूरोपीय संघ और पाकिस्तान जैसे देशों को किया जाता है.
रिपोर्ट -: आश अनुरुद्ध
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