आखिर क्यों अरहर की फसल में बढ़ा इल्ली का प्रकोप, किसानों में मायूसी
हटा । पिछले सप्ताह तक अरहर की बेहतर फसल की आस लगाए अन्नदाताओं की उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है,अरहर की फसलों में इल्ली का प्रकोप है बड़े पैमाने पर इल्लियां अरहर की फसलों को चट्ट कर रहीं हैं। हटा ब्लॉक के मडिय़ादो, बर्धा,मादो,मलवारा, घोघरा सहित दर्जनों गाँव मे सैकड़ो हेक्टेयर रकवे में खड़ी अरहर की फसलों में इल्लियों का प्रकोप है, किसानों की माने तो एक पेड़ में 20 से 30 की संख्या में इल्लियां लगी हुई है जो पौधे के फूल और फल्लियों को नष्ट कर रही हैं, साधन संपन्न किसान कीटनाशक दवाएं भी उपयोग कर रहे हैं लेकिन कोई खास असर नहीं दिख रहा क्योंकि दो से तीन दिन में ही फसल 30 से 40 फीसदी तक प्रभावित हो चुकी होती है, वही आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी अंचल के किसान मंहगी कीटनाशक दवाएं भी नहीं खरीद पा रहे और मजबूरन अपने हाथों से अरहर के पेड़ो में लगी इल्लियां निकाल रहे हैं।उपतहसील मडिय़ादो अंतर्गत आने वाले इन गांव में करीब 40त्न कृषि रकवे में किसानों द्वारा अरहर की फसल इस बार बोई गई थी दीवाली तक सभी जगह फसलें बहुत अच्छी थी और किसानों को बेहतर पैदावार की उम्मीद थी लेकिन इल्ली के प्रकोप ने अन्नदाताओं की मुश्किलें बढ़ा दी और किसान अब मायूस दिखाई दे रहे हैं, खेतो में किसान अरहर की फसल को इल्लियों से बचाने जतन कर रहे हैं, किसानों की माने तो अधिक ठंड से ही इल्ली का प्रकोप कम होगा,यदि जल्द ही अच्छी ठंड शुरू नहीं हुई तो अरहर की फसल और अधिक प्रभावित हो सकती है।