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मालथौन(सागर): पीला मोजेक रोग से फसलें हो रही तबाह, किसान परेशान

इस वर्ष किसानों के ऊपर दोहरी मार पड़ रही है पहले मानसून की बेरुखी से किसान वैसे ही परेशान थे जहां पर पानी की समस्या से किसान जुझ रहे थे कि अब सोयाबीन उड़द सहित सभी फसलों में पीला मोजक रोग लगने से फसलें पूरी तरह से पीली पड़ गई व अफलन की स्थिति निर्मित हो गई जिससे किसानों के ऊपर दोहरी मार पड़ी हुई है पहले ही किसान पिछले वर्ष अतिवृष्टि से फसलें बर्बाद हो चुकी थी जिसका मुआवजा भी अधिकांश लोगों को अभी तक नहीं मिला है और अब रोग लगने से फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी है।
खरीफ सीजन की फसल सोयाबीन एवं मूंग, उडद में सफेद मक्खी द्वारा फैलाया जाने वाला पीला मोजेक रोग से किसान परेशान हैं कृषि विस्तार अधिकारी, किसान मित्र एवं किसान दीदी द्वारा किसानों तक पीला मोजेक रोग से फसलों को बचाने के लिए किसी भी प्रकार के जरूरी उपाय अपनाने का संदेश नही पहुंचाया गया हैं।सागर जिले के मालथौन तहसील के मालथौन बरोदिया कलां,बांदरी, पाली खिरिया,परसोन, मांदरी,प्रेमपुरा सेमरा लोधी,हरदौट,अटा पलेथनी समसपुर, रंजवांस, गीधा खरैरा सहित सभी ग्रामो में बोई फसलों पर पीला मोजेक का कहर जारी हैं। किसानों ने सरकार से जल्द मुआवजे की मांग की हैं।

पीला मोजेक से बचाव के उपाय

कृषि विज्ञान केंद्र सागर में पदस्थ वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ के एस यादव ने बताया कि पीला मोजेक रोग सोयाबीन एवं उड़द की पुरानी किस्मों में लगता है। साथ ही नई किस्मों में भी लगने के संभावना रहती है यह रोग सफेद मक्खी के द्वारा फैलता है शुरुआती लक्षणों के दिखाई देते ही संक्रमित पौधों को उखाड़कर गाड़ देना चाहिए। डॉ यादव ने बताया कि सफेद मक्खियों की रोकथाम के लिए बीटासाइफ्लूथ्रिन के साथ इमीडाईक्लोप्रिड थ्रीन दवा 350 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करने से पीला मोजेक सहित पत्ती खाने वाले कीटों पर भी नियंत्रण रहेगा।

✍️विकास सेन

 

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