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ललितपुरः प्रेस क्लब में सादगी से मनाया गया बलिदान दिवस

अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी
पत्रकार भवन में मनाया विद्यार्थी का बलिदान दिवस
ललितपुर। सुपर मार्केट स्थित पत्रकार भवन में प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले (सप्पू)की अध्यक्षता में अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी जी का वलिदान दिवस मनाया गया। प्रेस क्लब अध्यक्ष राजीव बबेले सप्पू ने कहा अपनी बेबाकी और अलग अंदाज से दूसरों के मुंह पर ताला लगाना एक बेहद मुश्किल काम होता है। कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। गणेशशंकर विद्यार्थी भी ऐसे ही पत्रकार रहे हैं जिन्होंने अपने कलम की ताकत से अंग्रेजी शासन की नीव हिला दी थी। संरक्षक सुरेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि गणेशशंकर विद्यार्थी की शिक्षा-दीक्षा मुंगावली (ग्वालियर) में हुई थी। इन्होंने उर्दू-फारसी का अध्ययन किया। वह आर्थिक कठिनाइयों के कारण एंट्रेंस तक ही पढ़ सके, किन्तु उनका स्वतंत्र अध्ययन अनवरत चलता ही रहा। अपनी लगन के बल पर उन्होंने पत्रकारिता के गुणों को खुद में सहेज लिया था। शुरु में गणेश शंकर जी को एक नौकरी भी मिली थी पर अंग्रेज अधिकारियों से ना पटने के कारण उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी थी। संरक्षक संतोष शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी कार्य करने के कारण विद्यार्थी को पांच बार सश्रम कारागार और अर्थदंड अंग्रेजी शासन ने दिया। विद्यार्थी जी के जेल जाने पर प्रताप का संपादन माखनलाल चतुर्वेदी व बालकृष्ण शर्मा नवीन करते थे। संरक्षक मंजीत सलूजा ने कहा कि विद्यार्थीजी की शैली में भावात्मकता, ओज, गाम्भीर्य और निर्भीकता भी पर्याप्त मात्रा में पायी जाती है। उनकी भाषा कुछ इस तरह की थी जो हर किसी के मन पर तीर की भांति चुभती थी। गरीबों की हर छोटी से छोटी परेशानी को वह अपनी कलम की ताकत से दर्द की कहानी में बदल देते थे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय जैन कल्लू ने कहा कि गणेशशंकर विद्यार्थी की मृत्यु कानपुर के हिन्दू-मुस्लिम दंगे में निस्सहायों को बचाते हुए 25 मार्च 1931 ई. को हुई. गणेश शंकर जी की मृत्यु देश के लिए एक बहुत बड़ा झटका था। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे साहित्यकार रहे हैं जिन्होंने देश में अपनी कलम से सुधार की क्रांति उत्पन्न की। अन्य वक्ताओं में अजात शत्रु चौबे, अजय बरया, अजित जैन भारती, अमित सोनी, शैलेन्द्र जैन, लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा, जयेश बादल, संजय ताम्रकार, ब्रजकिशोर सिंह, रवि जैन चुनगी, कुंदन पाल, पूजा कश्यप, शैलेश जैन पिंटू, ब्रजेश तिवारी, सौरभ गोस्वामी ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम संचालन महामंत्री अंतिम जैन व पूर्व महामंत्री मो.नसीम ने संयुक्त रूप से किया। सभा में मौजूद संदीप शर्मा, राहुल जैन, अबरार अली, अमित जैन मोनू, राहुल चौबे, दिनेश संज्ञा, अनूप मोदी, ब्रजेश पंथ, मनोज कुमार जैन, आलोक चौबे, वीरेंद्र पुरोहित, नासिर मीडिया, देवेंद्र पाठक, संजीव सोनी, कृष्ण बिहारी उपाध्याय, नीरज मिश्रा, प्रसन्न दुबे, नितेश जैन बंटी, अश्वनी पुरोहित, अमित लखेरा, अमित संज्ञा, इमरान मंसूरी, पुष्पा झा, भगवत नारायण श्रोती, घनश्यामदास सेन, पंकज कुमार, महेश वर्मा, अशफाक कुरैशी, धु्रव राजा, अजय श्रीवास्तव, कृष्णकांत सोनी, मनीष जैन, शुभम पस्तोर, प्रवीण कुमार, अमित कुशवाहा, गौरव जैन, विनोद मिश्रा, सुनील सैनी, अभिषेक बुन्देला, प्रमोद झां, पुनीत परिहार, यशपाल सिंह, आरिफ खान, अभिषेक सोनी, नरेंद्र चंदेल, महेंद्र सिंह चंदेल, राममूर्ति तिवारी, नीलेश पटेल प्यासा, भगवान सिंह, विजय उपाध्याय, राजेश कुमार, राहुल साहू, दीपक पराशर के अलावा अनेकों पत्रकार मौजूद रहे।
प्रेस क्लब ने जताया शोक
अमर शहीद प.गणेश शंकर विद्यार्थी के वलिदान दिवस मनाए जाने के उपरांत दैनिक जागरण के प्रबंध संपादक स्व.राजेन्द्र गुप्त के निधन के अलावा पत्रकार संजय ताम्रकार की बड़ी ताई व पत्रकार मकरंद किलेदार की माताजी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। जिसमें प्रेस क्लब के पदाधिकारी सहित अनेकों पत्रकार मौजूद रहे। शोकसभा का संचालन महामंत्री अंतिम जैन व पूर्व महामंत्री मो.नसीम ने संयुक्त रूप से किया।

✍️अमित लखेरा

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