*न्याय दिलाने की उम्मीद में आमरण अनशन पर बैठा परिवार
ललितपुर। कभी-कभी स्कूल टीचर बच्चों को पढ़ाने में इतना ज्यादा खो जाते हैं कि अगर बच्चा गलती करता है तो वे उसे बेरहमी से मारने और पीटने भी लगते हैं। लेकिन जब यही मारना पीटना बच्चे को अपंग बना दे तो शिक्षा और शिक्षक के बर्ताव पर तमाम सवाल खड़े हो जाते हैं। इतना ही नहीं और जब वह प्रशासन से न्याय की गुहार लगाता है तो अभिभावक को न्याय नहीं मिलता। और उसे धरना तथा आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसा ही एक समाचार आज उत्तर प्रदेश के जनपद ललितपुर से प्रकाश में आया है। जहां ललितपुर के घंटाघर पर एक विधवा अपने बच्चों के साथ न्याय पाने के लिए आमरण अनशन पर बैठ गई है। पीड़ित विधवा श्रीमती ममता पत्नी स्वर्गीय मौजी निवासी ग्राम रामपुर, थाना कोतवाली तालबेहट का आरोप है कि आज से 2 साल पूर्व उसकी पुत्री डीसी रोड स्थित एक स्कूल में पढ़ती थी। जहां स्कूल में उसकी पुत्री द्वारा गलती करने पर वहां तैनात शिक्षिका ने उसके गाल में ऐसा थप्पड़ मारा कि उसकी आंखों की रोशनी चली गई। पीड़िता का कहना है कि वह पिछले 2 साल से पुलिस थाना, जिला अधिकारी ऑफिस, एसपी ऑफिस और लखनऊ तक में गुहार लगा चुकी है। लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिला है। इसलिए आज उसे परेशान होकर आमरण अनशन पर बैठना पड़ा है। उसका यह भी कहना है कि जब तक आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की जाती तब तक वह आमरण अनशन से नहीं उठेगी।