कोरोना की आपदा में राम भरोसे मध्य प्रदेश
एमपी अजब है – सबसे गजब है
ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है , अतब मध्य प्रदेश अनाथ है। बीते 4 दिन से यहां कार्यवाहक सरकार है जो कोई नीतिगत फैसले नहीं ले सकती। मध्य प्रदेश की सरकार गिराने की जिद , कहीं मध्य प्रदेश को ही चौपट न कर दे।
बीते एक महीने में
जब प्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव और निपटने के लिए तैयारियां होनी थी तब —-
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बेंगलुरु के ऐशगाह में पड़े पड़े अपनी स्वामी भक्ति दिखा रहे थे
प्रदेश की कमलनाथ सरकार लोगों की जान बचाने की कोशिशों की बजाय अपनी जान बचाने की कोशिश में जुटी थी
प्रदेश का विपक्ष कोरोना पर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाने की बजाय पूरी सरकार की ही उठा पटक करने में व्यस्त था
और अब जबकि 20 तारीख को कमलनाथ सरकार नहीं रही और उसी दिन मध्य प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी उसके बाद से
कार्यवाहक मुख्यमंत्री दिल्ली में हैं, वे कोई नीतिगत निर्णय ले नहीं सकते
भाजपा से जिनको मुख्यमंत्री बनना है , वे भोपाल में रहकर दिल्ली से ऐलान की उम्मीद पाले हैं। ज्यादा सक्रिय हुए तो आलाकमान के नाराज होने का खतरा है
महामहिम की अपनी क्षमताएं हैं
और इसी के साथ मध्य प्रदेश भयंकर आपदा में राम भरोसे है
सबसे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा जी से विशेष अनुरोध है , कि जिसको भी बनाना है , बिना फॉर्मेलिटी किये सीधे दिल्ली से मुख्यमंत्री का नाम अविलम्ब घोषित करें जिससे नए मुख्यमंत्री इस महामारी से बचाने के लिए सक्रिय हो सके
यदि नाम तय करने में कुछ दिन और लगने हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री अमित शाह जी से अपील है कि मध्य प्रदेश में कुछ दिन के लिए कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ जी , पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव जी की संयुक्त कमेटी बनाकर अंतरिम सरकार का गठन कर दें, जो कम से कम नीतिगत फैसले ले सके
अगर कुछ दिन और देर हुई तो आप सत्ता में तो वापस आ जायेंगे लेकिन जिनकी साँसे चली गईं वो वापस न लौटा पाएंगे
सादर – सचिन चौधरी ( बुंदेली बौछार )
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