पथरिया: कुप्रभंधन का शिकार महाविद्यालय, जिम्मेदार जानकर बन रहे बेखबर
पथरिया: समाज को दिशा और शिक्षा देने की जिम्मेदारी रखने वाले अगर खुद गैरजिम्मेदाराना कार्य करने लगें तो वैचारिक पतन सुनिश्चित हो जाता है।
पथरिया के सरकारी कॉलेज को देखते हुए भी अब ऐसा ही प्रतीत होने लगा है जो उच्च शिक्षा विभाग पर ही प्रश्नचिन्ह लगा रहा है जिसने यहां पर्याप्त स्टाफ,भूमि और संसाधन प्रदान कर दिए है पर इन सबका यहां कोई मूल्य नहीं है कुर्सी टेबिल बेतरतीब पड़े है तो शौचालय गंदगी और बदबू से सराबोर है स्टाफ के लोग तो सिर्फ ड्यूटी के बहाने हस्ताक्षर करने यहां आते है अगर इनका वश चलता तो अपने अपने घरों से कॉलेज चलाते।
आश्चर्यजनक तथ्य तो यह है कि सहायक प्राध्यापकों की सुविधाओं में कोई कमी नहीं है दिनभर रूम में बैठ कर गप्पे करना और कागज दुरस्त करने में लगे रहते है जिससे जांच के समय दस्तावेज दुरस्त रहे,पर छात्रहित में रचनात्मक कार्य यहां शून्य है।
वर्षो बीत जाने के बाद भी छात्र एनएसएस इकाई यहां अब तक प्रारम्भ नहीं हुई,खेल मैदान में पशुओं का कब्जा बरकरार रहता है
स्टाफ की गाड़ियां तो सुरक्षित जगह पर रहती है पर छात्रों के वाहनों के लिये अब तक स्टैंड नहीं बना,जिससे चोरी की वारदात भी सामने आती रहती है पर प्रबन्धन कुंभकर्ण की नींद में है इसे जगाने के काफी प्रयास हुए पर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उच्च स्तर पर इनके बेहतर तालमेल का नुकसान तहसील को उठाना पड़ रहा है और शिक्षा और ज्ञान से युवा वंचित होते जा रहे है।