कुलपहाड : आदर्श रामलीला सुगिरा में धनुष यज्ञ की लीला का हुआ मंचन
कुलपहाड़। आदर्श रामलीला मंडल सुगिरा के मंच पर धनुष यज्ञ की लीला का आयोजन किया गया जिसमें जनकपुर के राजा जनक द्वारा शिव जी के धनुष तोडऩे की प्रतिज्ञा पूरी कर श्री रामचंद्र जी ने सीता स्वयंवर में सीता से विबाह किया धनुष टूटने से नाराज परशुराम से लक्ष्मण की बहस हुई धनुष यज्ञ की लीला का उद्घाटन पूर्व सांसद द्वारा किया गया।
तहसील क्षेत्र के ग्राम सुगिरा में विगत 52 वर्षों से आदर्श रामलीला मंडल द्वारा रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मंगलवार की रात धनुष यज्ञ की लीला का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि रामलीला के आयोजन से गांव की प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिलता है और मंच पर बोलने से उनकी झिझक खत्म होती है। लीला के प्रारंभ में राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह हेतु स्वयंवर का आयोजन किया जिसमें यह शर्त रखी गई कि जो भी राजा ,शिव जी के धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाएगा उसका विवाह सीता से कर दिया जाएगा स्वयम्बर में विभिन्न देशों के राजा महाराजा उपस्थित हुए लेकिन कोई भी धनुष को हिला भी नहीं सका बाद में अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्री रामचंद्र जी ने अपने गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई और धनुष टूट गया धनुष टूटने से नाराज भगवान परशुराम अपना फरसा लेकर मंच पर आ गए और उन्होंने बहुत क्रोध करके वहां उपस्थित राजाओं की लताड़ा जिससे नाराज होकर लक्ष्मण जी के साथ उनका वाद विवाद हुआ परशुराम जी ने जहां लक्ष्मण को फरसे से काट डालने की धमकी दी वही लक्ष्मण जी ने कहा
यहां कुमड़ बतिया कोई नहीं जो तर्जनी देख डर जाही: परशुराम के अभिनय में सुधांशु अरजरिया ने रंग जमा दिया वही जनक बने मधु पटेरिया ने दर्शकों को बांधे रखा राजू राजा ने बीच-बीच में कॉमेडी कर दर्शकों को बहुत हंसाया। रामलीला में अमान सिंह यादव नागराज विशाल भारती मिश्रा सुनील कुमार राकेश अवस्थी नरेश दीक्षित बलराम पटेरिया कृषण चंद्र पाठक महिपाल राजपूत विनय पटेरिया सहित कई पात्रों ने सहयोग किया।