
योगी आदित्य नाथ का सुझाव – होली के बाद अदा करे जुमे की नमाज
धर्मो रक्षति रक्षितः- हिन्दू धर्म के अनुसार जो धर्म की रक्षा करते है धर्म उनकी रक्षा करता है। वही यदि हम हमारे भारतीय संविधान की बात करे तो हमें यहाँ भी धार्मिक स्वतंत्रा का अधिकार प्रदान किया गया है हमारे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी गई है। यह एक मौलिक अधिकार है।
त्यौहार अपने साथ खुशियाँ लेकर आते है। लेकिन क्या हों हो जब 2 धर्मो आयोजन एक साथ आ जाए ऐसी स्थिति में दोनों के बीच में सामंजस्य बनाये रखना जरुरी होता हैं। 14 मार्च को एक ऐसा खास संयोग होने जा रहा है जहां पर होली का हुड़दंग और जुम्मे की नमाज एक दिन रही है उत्तर प्रदेश के संभल में होली से ठीक पहले तनाव की स्थिति है। अब सवाल है कि पहले क्या मनाया जाए, ज्यादा तवज्जो किसे दी जाए। जिस पर योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गए बयान की सराहना हो रही है।

एक होली वाले बयान पर बात करते हुए सीएम योगी ने कहा, “होली के अवसर पर एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए. जुमे की नमाज हर शुक्रवार को होती है और होली साल में एक बार आती है.सीएम योगी ने आगे कहा, “मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद दूंगा, जिन्होंने पहले ही बयान जारी कर दिया कि पहले होली का आयोजन होने दो. 14 मार्च को त्योहार है और 2.00 बजे तक होली खेलने दो फिर 2 बजे के बाद आप जुमे की नमाज पढ़ना. बहुत सारे मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी इसे मानने की अपील की है.”