
SpaDEx मिशन: ISRO की नई सफलता
होली से पहले इसरो ने देश को बड़ा तोहफा दिया है। इसरो ने स्पैडेक्स उपग्रह की सफलतापूर्वक अनडॉकिंग कर ली है। इसके साथ ही चंद्रयान-4 के लिए रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने इस कामयाबी के लिए इसरों को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर ‘इसरो टीम को बधाई दी।
ISRO ने SpaDEx (Space Docking Experiment) मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस मिशन का मकसद दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में आपस में जोड़ना (डॉकिंग) और अलग करना (अनडॉकिंग) था। यह तकनीक भविष्य में भारत के अंतरिक्ष अभियानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी।
SpaDEx मिशन क्यों खास है?
भारत अब अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह तकनीक हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है।इस मिशन से भविष्य में उपग्रहों की मरम्मत, ईंधन भरने और भारतीय स्पेस स्टेशन बनाने में मदद मिलेगी।
कैसे किया गया यह मिशन?
इसरो ने दो छोटे उपग्रहों को भेजा:
- Chaser Satellite (CDX-01) – जो डॉकिंग करने के लिए आगे बढ़ा।
- Target Satellite (SDX-02) – जो स्थिर रहकर डॉकिंग को संभव बनाया।
डॉकिंग के बाद, दोनों उपग्रह एक साथ जुड़ गए और डेटा और ऊर्जा का आदान-प्रदान किया।
इसका फायदा क्या होगा?
भविष्य में गगनयान मिशन में इसका उपयोग किया जा सकता है।भारत के अपने स्पेस स्टेशन (Indian Space Station) के निर्माण की दिशा में यह बड़ा कदम है।पुराने उपग्रहों की मरम्मत और ईंधन भरने में मदद मिलेगी, जिससे उनका जीवनकाल बढ़ेगा।
SpaDEx मिशन भारत की अंतरिक्ष तकनीक में एक बड़ा कदम है और इससे भविष्य में और भी बड़े मिशन संभव होंगे।