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चित्रकूट: बैंक से पैसा निकालने गई वृद्धा गायब, परिजन है निश्चिंत

परिजनों को नहीं है चिंता, खोजबीन भी नहीं
चित्रकूट : विकास खंड रामनगर के छीबो ग्राम पंचायत की बैंक शाखा से रुपये निकालने गई महिला अपने घर नहीं लौटी। लगभग दो माह बीत जाने के बाद भी महिला कोई पता नहीं चल सका । आश्चर्य की बात तो यह कि उसके पति और पुत्रियों ने भी ज्यादा उसकी खोजखबर नहीं की। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्राम पंचायत छीबों की महिला लंगरी (70) पत्नी जुग्गीलाल का यह मामला है।
बताया गया है कि लंगरी गांव के किसी व्यक्ति के साथ बीते दो माह पूर्व आर्यावर्त बैंक रामनगर से आवास योजना के लिए पहली किस्त के रुपये निकालने गई थी। बैंक से रुपये निकालने के बाद यह नहीं लौटी। अब तक इस महिला का कोई अता पता नहीं है। गांववाले बताते हैं कि अब तो जुग्गीलाल भी गांव में नहीं हैं और वृद्धा की विवाहित बेटियां अपनी गायब मां को खोजने की बजाए उसकी घर गृहस्थी को ले जाने में जुटी हैं। मुहल्ले के लोगों ने बताया कि ये लंगरी द्वारा घर बनाने के लिए खरीदा गया सीमेंट और लोहे की छड़ों सहित घर का लगभग सारा सामान ठिकाने लगा चुकी हैं। अब घर के बाहर बालू और गिट्टी बची हुई है। गांववाले यह भी बताते हैं कि लंगरी लगभग 20 साल से ग्राम पंचायत छीबों के दक्षिण टोला में अकेली रहती थी और पति जुग्गीलाल अरखन का डेरा घुरेहटा में भोंड़ीवा के नाम से रहता है। वह कभी कभार ही गांव में दिखता था। दंपति के पुत्र नहीं है सिर्फ
पांच विवाहित बेटियां हैं। गांववालों में इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। उसकी बेटियों का भी कहना है कि पता नहीं उनकी मां कहां हैं, पर जब उनसे पूछा
जाता है कि क्या कहीं रिपोर्ट दर्ज कराई तो गोलमोल जवाब दिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को इस पेचीदा मामले में स्वयं जांच करनी चाहिए।

✍️पुष्पराज कश्यप
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