
मध्य प्रदेश सरकार ने जारी की नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025, 2030 तक 50% हरित ऊर्जा का लक्ष्य
भोपाल, मध्य प्रदेश:
मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश में हरित और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 को औपचारिक रूप से जारी कर दिया है। इस नई नीति का लक्ष्य वर्ष 2030 तक राज्य की कुल बिजली खपत का 50 प्रतिशत भाग नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना है। यह नीति राज्य में सौर, पवन, पंप्ड हाइड्रो और अन्य स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए एक नई दिशा तय करती है।
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024 तक 20%, 2027 तक 30%, और 2030 तक 50% बिजली उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत 10 गीगावाट क्षमता के सोलर और हाइब्रिड ऊर्जा पार्क स्थापित किए जाएंगे। वहीं निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 2024 तक ₹15,000 करोड़ और 2027 तक ₹50,000 करोड़ के निवेश का रोडमैप तैयार किया है। इसके अतिरिक्त, उपकरण निर्माण के क्षेत्र में भी ₹10,000 करोड़ तक के निवेश का प्रावधान किया गया है।
नीति के तहत विभिन्न छूटों का भी प्रावधान किया गया है। जैसे—नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को 10 वर्षों तक बिजली शुल्क में छूट, सरकारी भूमि पर 50% रियायत, निजी भूमि खरीद पर स्टांप शुल्क में 50% छूट और पांच वर्षों तक व्हीलिंग चार्ज में 50% छूट दी जाएगी। इसके अलावा, पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं को भी प्रोत्साहन देने के लिए विशेष योजना लाई गई है, जिससे ग्रिड स्थिरता को मजबूती मिलेगी।
इस नीति से न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। सरकार का अनुमान है कि वर्ष 2024 तक 10,000 से अधिक और 2030 तक 50,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
यह नीति मध्य प्रदेश को देश के अग्रणी हरित ऊर्जा उत्पादक राज्यों की सूची में शामिल करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।