
कूनो नेशनल पार्क में चीता को पानी पिलाने पर ड्राइवर निलंबित, वन विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल
श्योपुर, मध्य प्रदेश:
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो नेशनल पार्क में एक वन विभाग के ड्राइवर को केवल इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि उसने एक प्यासे चीता परिवार को पानी पिलाया था। यह घटना तब सामने आई जब सोशल मीडिया पर उसका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह एक टंकी से पानी निकालकर प्यासे चीतों को पिलाते हुए दिखाई दे रहा है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई वन्यजीवों और इंसानों के बीच दूरी बनाए रखने के प्रोटोकॉल के उल्लंघन के चलते की गई है। विभाग का तर्क है कि जंगल में किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप, विशेषकर ऐसे दुर्लभ और संवेदनशील प्रजातियों के साथ, उनके प्राकृतिक व्यवहार और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया और आम जनता में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोगों ने सवाल उठाए हैं कि जब एक व्यक्ति ने मानवीय संवेदनाओं के तहत जानवरों की मदद की, तो उसे दंडित क्यों किया जा रहा है। कुछ पर्यावरण कार्यकर्ताओं और वन्यजीव प्रेमियों ने भी वन विभाग की इस सख्त कार्रवाई को “अनावश्यक” और “अत्यधिक” बताया है।
कूनो नेशनल पार्क देश भर में अफ्रीकी चीतों की पुनर्स्थापना परियोजना के लिए चर्चित रहा है। यहां नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को प्राकृतिक वातावरण में बसाया गया है। ऐसी स्थिति में वन विभाग का यह कहना है कि किसी भी तरह की मानवीय निकटता इन चीतों की स्वाभाविक प्रवृत्तियों को प्रभावित कर सकती है और भविष्य में खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर सकती है।