
खून से खत लिख कर , पीएम से की अलग राज्य की मांग
महोबा में बुंदेलखंड राज्य निर्माण आंदोलन के जनक स्व. शंकर लाल मेहरोत्रा की 78वीं जयंती को बुंदेलखंड दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 43वीं बार अपने खून से पत्र लिखकर बुंदेलखंड पृथक राज्य की मांग की गई।
आपको बता दें कि आल्हा चौक स्थित आंबेडकर पार्क में आयोजित कार्यक्रम में बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की चुप्पी चिंताजनक है। उन्होंने क्षेत्र के सांसदों और विधायकों पर पार्टी नेतृत्व के सामने मुद्दा न उठाने का आरोप लगाया। पाटकर ने बताया कि वे 2015 से जूते-चप्पल त्याग कर नंगे पैर चल रहे हैं। उन्होंने आल्हा चौक पर 635 दिन तक अन्न त्याग सत्याग्रह भी किया। कोरोना काल न आता तो यह सत्याग्रह अभी भी जारी होता। महामंत्री डॉ. अजय बरसैंया ने तेलंगाना की तर्ज पर बुंदेलखंड के विधायकों और सांसदों से सामूहिक इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर शंकर लाल मेहरोत्रा का 22 नवंबर, 2001 को निधन न हुआ होता तो बुंदेलखंड राज्य पहले ही बन चुका होता। बुंदेली समाज लगातार अलग बुंदेलखंड राज्य की मांग कर खून से खत लिख रहे है। पीएम मोदी से 43 वीं बार खून से खत लिखकर अलग राज्य की मांग की है।