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बुंदेलखंड राज्य के लिए आगे आएं सांसद-विधायक : विश्वकर्मा

महोबा। द्वितीय शंकर लाल मेहरोत्रा स्मृति सम्मान पाने के बाद बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्य हरी मोहन विश्वकर्मा ने कहा कि अगर हमारे सांसद, विधायक थोड़ा सक्रिय हो जाते तो सन दो हजार में ही उत्तराखंड, झारखंड व छत्तीसगढ़ के साथ बुंदेलखंड राज्य भी बन जाता और आंदोलन के जनक शंकर लाल मेहरोत्रा की सदमे में 22 नवंबर, 2001 को मृत्यु न हुई होती। आज फिर हमारे सांसद, विधायक फिर वही गलती कर रहे हैं और अपनी निष्क्रियता से बुंदेलखंड राज्य बनाने का सुनहरा मौका गंवा रहे हैं।
बुंदेली समाज की ओर से अनाथालय में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार बार बुंदेलखंड आ रहे हैं लेकिन हमारे सांसद विधायक उनसे बुंदेलखंड राज्य की मांग करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर लगातार 635 दिन तक अनशन व प्रधानमंत्री को अपने खून से 23 बार खत लिख चुके बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा कि 32 साल से आंदोलन चल रहा है लेकिन अपने मुकाम पर शायद इसीलिए नहीं पहुंच सका। अगर यही हाल रहा तो हम लोग भी लड़ते लड़ते मर जाएंगे। सन 1965 व 1971 की लड़ाई में सेना का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व फौजी कृष्णा शंकर जोशी व रविन्द्र सिंह ने हरी मोहन विश्वकर्मा को शील्ड, सम्मान पत्र, शाल व गीता भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर बांदा से आये बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के अध्यक्ष प्रवीण पांडेय व डालचंद्र मिश्रा, हमीरपुर के बृजेश बादल व बजरिया के सलीमुल्लाह को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर बुंदेली समाज के महामंत्री डा. अजय बरसैया ने अनाथ बच्चों के साथ केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया। इस मौके पर शिव कुमार सोनी, राजेश चतुर्वेदी, प्रकाश सक्सेना, राम प्रकाश पुरवार, प्रेम साहू, हरीओम निषाद, अमरचंद विश्वकर्मा, सुरेश बुंदेलखंडी, इंद्रजीत सिंह, हरिश्चंद्र वर्मा, सिद्धे सेन व गया प्रसाद समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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