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पूरी दुनिया में पहचान बनाने की क्षमता रखता है भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र- केंद्रीय राज्यमंत्री

दमोह। आज पंचशील भवन में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री श्री पशुपति पारस और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं जलशक्ति राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने उद्योग संघों के प्रतिनिधि मंडल साथ बैठक की। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संभावनाओं पर चर्चा की। बैठक में आईसीसी, डिक्की, पीएचडीसीसी, सीआईआई, एसोचैम, फिक्की, एसोचैम, एआईएफपीए और एफआईएनइआर के प्रतिनिधि, मंत्रालय की सचिव श्रीमती पुष्‍पा सुब्रमण्‍यम, विशेष सचिव श्री मनोज जोशी शामिल हुए। इस बैठक में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, प्रसंस्कृत खाद्य के निर्यात को बढ़ाने के तरीकों और साधनों, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने की क्षमता बढ़ाने, कोरोना काल के बाद मंत्रालय की योजनाओं और नीतियों के सामने आने वाली कठिनाइयों को लेकर प्रतिनिधि मंडल के साथ चर्चा की गई और सुझाव मांगे गए। बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, बेहतर परिणामों के लिए हमें कठिनाइयों को चिन्हित कर उन्हें दूर करने की जरूरत है। भारत की बनी चीजों को पूरी दुनिया में बेहद पसंद किये जाने के बावजूद हम विश्व पटल पर वो स्थान नहीं बना पाए हैं जो हमारा होना चाहिए। इसके साथ ही राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मुझे लगता है कि उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच संवाद की कड़ी बनी रहनी चाहिए जिससे चीज़ें आसान बन सकें। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों को आश्वासन देते हुए श्री पटेल ने कहा कि सरकार परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए हर तरह से उद्योग जगत के साथ है। मा. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी निर्यात को बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। आपसी सहयोग और सामंजस्य के बाद ही प्रधानमंत्री जी के सपने को पूरा किया जा सकता है। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को और बेहतर बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री जी के दृढ़ संकल्प को पूरा करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाईयों तक ले जाया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि परस्पर सहयोग से किसानों और बेरोजगारी को ध्यान में रखकर काम किये जाने की जरूरत है जिससे युवाओँ को रोजगार मिल सके और किसानों की आय को दोगुना किया जा सके।

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