खबरबुंदेली

बारिश न होने से चिंतित हुए किसान, कर रहे मेघ मनाने के उपाय

बुंदेलखंड: कई जिलों में पुरानी परंपरा के अनुसार मेघों को मनाने के लिए ग्रामीण कई तरह के उपाय करते है उसी में से एक परंपरा है कि महिलाएं अपने परिवार जनों के साथ खेतों ,बगीचों एवं देवस्थानो पर जाकर गकरिया बना कर खाते है और पूजा अर्चना करके अपने देवताओं और इन्द्रदेवता को वर्षा हेतु विनय करते है लेकिन लगता है इस वर्ष इन्द्रदेवता भी शायद कोरोना के चलते किसानों से दूरी बनाये हुए है।

आलम यह है करीब दस बारह दिनों से सुबह शाम बादल तो होते है लेकिन बिना बरसे ही गायब हो जाते है । इससे दो हफ्ते पहले तक एक दो दिन के अन्तराल में फुआर के जैसी मध्यम वर्षा हो जाती थी जिससे किसान थोड़े चिन्ता मुक्त रहते थे। और बुबाई के बाद बीज भी अंकुरित होने लगे थे लेकिन अब किसानो को लगभग दस बारह दिनों से वर्षा न होने के कारण खेतों में मुरझाई फसल को देखकर चिंता सताने लगी है। क्योकि लगभग पूरे जिले में किसानों ने इस वर्ष अच्छे मानसून की भविष्यवाणी होने के चलते लगभग 90 प्रतिशत बावनी कर दी थी। वही जहां पिछले वर्ष अधिक वर्षा होने के कारण किसानों ने बोया बीज भी खो दिया था, इस वर्ष बादलों का रुख देखते हुए अन्नदाता मायूस है । कुल मिलाकर अभी जहाँ तक किसान अन्ना प्रथा के कारण परेशान था और खेतों पर रात दिन रखवाली कर रहा है अब लगभग आधा सावन मास निकल जाने के बाद भी इन्द्रदेवता की मेहरबानी न होने से किसान बेहद चिंतित हो गए है

✍️मऊरानीपुर से राजीव दीक्षित की रिपोर्ट…

 

खबर 🖋️..राजीव दीक्षित ( संवाददाता मऊरानीपुर ) 9794351386

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button