- नेता गिरी की बुंदेली लघुकथा
सचिन चौधरी #बुंदेली बौछार 7979281421
मंत्री बनने के बाद विधायक जी को गुलदस्ता देके उछल रहे समर्थक कृपया ध्यान दें, एक बुंदेली लघुकथा जरूर पढ़ें जो आज सिर्फ आपके लिए ही लिखी गई है..
एपिसोड 1 — चुनाव खत्म होने के बाद नेता जी …
आओ भैया आओ, ए पानी चाय लियाओ रे.. और सुनाओ. ठीक रही तुमाये यहां पोलिंग..
कार्यकर्ता- जी भाई साहब.. एक तरफा. एक एक खों घर से निकार के सामने वोट डरवाये
भौत बढ़िया.. अब सब ऊपर वाले पे है.. मेहनत तो आप सबने खूब करी..
एपिसोड 2 – चुनाव जीतवे के बाद नेता जी
कार्यकर्ता – बधाई हो भाई साहब..
अरे बधाई आपको.. लो मुंह मीठा करो… बैठियो तनिक हम आ रहे एकाध घंटा में, एक अर्जेंट मीटिंग है
एपिसोड 3- नेता जी के मंत्री बनवे के 1 महीना बाद
कार्यकर्ता – नमस्कार मंत्री जी
नमस्कार ..और सब ठीक हैं.. चलो बढ़िया.. आते रहा करो यार…
कार्यकर्ता… ( कुड़ कुड़ाते हुए) जब आए सो तो चाय तक की नहीं पूछी…. कह रहे के आत रहियो… भौत बदल गए रे जे तो..
कथा सार — ज्यादा उम्मीदें न पालो नेताओं से.. काय के उम्मीदों को तकलीफों से सीधो वास्ता है..
जो पद पाये उन्हें मुबारक.. उनमें शायद एकाध बेहतर निकर आये.. वैसे अब तक जितने उदाहरण देखे, उनको सार जोई है के सब एक से होत
