खबर

जब चंद्रशेखर आजाद बने हरिशंकर मैकेनिक !

जन्मदिन विशेष : चंद्रशेखर आजाद
सचिन चौधरी।  
जो चंद्रशेखर आजाद कभउं जीते जी गोरों के हाथ न आये , जो गजब के स्वाभिमानी हते। वोई चंद्रशेखर आजाद बुंदेलखंड में मोटर मैकेनिक बनके रहे। बुंदेलखंड में उनको नाम रखो गओ हरिशंकर।
आपखों सुवे में अजीब लगहे लेकिन जे सौ टका सच्ची बात है।
मामला जे है के काकोरी कांड के बाद जब क्रांतिकारियों पे अंग्रेजों की दबिश पड़ी तो चंद्रशेखर आजाद झांसी आ गए। इतने उन्हें क्रांतिकारी साथी मास्टर रुद्रनारायण मिल गए। झाँसी में ही  सदाशिव राव मलकापुरकर, भगवानदास माहौर और विश्वनाथ वैशंपायन के जैसे यार मिले। झांसी में चंद्रशेखर आजाद , हरिशंकर के नाम से रहे। झांसी की बुंदेलखंड मैकेनिक कम्पनी में उनने मैकेनिक की नौकरी करी। और मोटर चलावे को लाइसेंस भी बनवा लओ।
जब झांसी में पुलिस की हलचल बढ़ी , सो चंद्रशेखर आजाद ओरछा आ गए ,इते वे सातार नदी के किनारे कुटिया बनाके ब्रह्मचारी के रूप में रहन लगे। ओरछा के पास वे ढिमरपुरा गांव में वे अपने साथी मलखान सिंह के यहां खूब जात हते। तभई से ढिमरपुरा को नाम आजादपुरा है। जी जगां पे आजाद की कुटिया हती उते 31 मई 1984 खों स्मारक को लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने करे। लेकिन आज वो कुटिया जीमे आजाद ने अपने जीवन को महत्वपूर्ण समय गुजारे , जीर्ण शीर्ण हो गई। बहुत बुरे हाल में है आजादी के क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जा निशानी
बुंदेली बौछार के माध्यम से हमाई सरकार से मांग है के आजाद जी के ई स्मारक को ख्याल रखो
सन्दर्भ – साभार –  bharatdiscovery.org
Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button