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मध्य प्रदेश में जबरन धर्मांतरण कराने वालों को मिलेगी फांसी? मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा बयान

भोपाल, 8 मार्च 2025: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धर्मांतरण के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अभी तक ऐसा कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है कि धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दी जाएगी।

महिला सुरक्षा और धर्मांतरण पर सरकार का रुख

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार जबरन धर्मांतरण, लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मामलों को लेकर सख्त है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं को सुरक्षा और स्वतंत्रता देने के लिए कठोर कानूनों की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। यदि कोई जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराता है या किसी महिला को गुमराह करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

क्या धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा का प्रावधान होगा?

वर्तमान में, मध्य प्रदेश में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 लागू है, जिसके तहत जबरन धर्मांतरण कराने पर 10 साल तक की सजा और 50,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, मुख्यमंत्री मोहन यादव के ताजा बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार इस कानून को और सख्त बना सकती है।

विपक्ष और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। कुछ सामाजिक संगठनों का कहना है कि धर्मांतरण के नाम पर निर्दोष लोगों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। वहीं, कुछ संगठन सरकार के सख्त रुख का समर्थन कर रहे हैं और इसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बता रहे हैं।

सरकार का अगला कदम क्या होगा?

मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस बयान के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राज्य सरकार धर्मांतरण कानून में और कड़े प्रावधान जोड़ेगी या नहीं। फिलहाल, इस पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन अगर कोई नया कानून बनता है, तो यह देशभर में एक बड़ी बहस का विषय बन सकता है।

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